विधानसभा चुनाव के आते ही टिकट के सारे दावेदार दिल्ली व पटना दरबार में मत्था टेक रहे हैं।ऐसे में देखना बड़ा ही दिलचस्प रहेगा की भागलपुर सीट से एनडीए किसे टिकट देकर मैदान में उतरता है,फ़िलहाल तो इस पर सबकी नजर टिकी हुई है। एनडीए के सहयाेगी दल भी इस सीट पर अंदर ही अंदर दावेदारी पेश कर रहे हैं। गठबंधन में सीटाें के बंटवारे पर भी उम्मीदवाराें की नजर टिकी है।
मालूम हो की पिछले चुनावो में नाथनगर विधानसभा क्षेत्र पर लोजपा ने कब्ज़ा जमाया हुआ था।इसलिए भी सबकी नज़र भागलपुर-नाथनगर विधानसभा क्षेत्र पर तिकी हुई है।उस पर से लाेजपा लगातार सीटाें काे लेकर बयानबाजी किये जा रही है। वही भागलपुर विधानसभा क्षेत्र को लेकर महागठबंधन में कांग्रेस यह तय मान के चल रही है कि भागलपुर की सीट उसी के खाते में रहेगी। कांग्रेस के विधायक अजीत शर्मा लगातार दाे बार इस सीट से चुनाव जीतते हुए आये हैं।
हालाँकि ये अलग बात असल तस्वीर तो सीट शेयरिंग के बाद पता चलेगा किसकी झाेली में काैन सी सीट आएगी।भाजपा के लिए आधा दर्जन दावेदार अपने-अपने आकाओं के संपर्क में हैं। जिलाध्यक्ष राेहित पांडेय व संगठन के अन्य नेताओं ने भी अपने स्तर से तीन-चार नाम दिए गए हैं। भाजपा का एक धड़ा वंशवाद के विराेध में लगातार बैठकें कर रहा है। हाल में भाजपा छाेड़ चुके एक नेता भी अपनी उम्मीदवारी काे लेकर लगातार पटना-दिल्ली की दाैड़ लगा रहे हैं।
अब सीट शेयरिंग के बाद ही पता चलेगा कि भागलपुर व नाथनगर सीट का टिकट किसकी झाेली में आएगा।पिछली बार जदयू के एनडीए से अलग हाेने पर लाेजपा काे नाथनगर सीट गठबंधन में मिला था। इस बार जदयू एनडीए के साथ है और वहां से सीट भी जीत चुका है। इस सीट पर पूर्व में प्रत्याशी रह चुके लाेजपा नेता भी अपनी पैरवी में लगे हुए हैं जबकि भाजपा छाेड़ लाेजपा में आए नेता इस उम्मीद में हैं कि लाेजपा के खाते में यह सीट आई ताे उन्हें माैका मिल सकता है।
