महागठबंधन की प्रेस कांफ्रेंस में एक पुरानी कहावत “राजनीति में कोई भाई चारा नहीं होता है” को चरितार्थ होते हुए सबने आँखों से देखा..मौका था महागठबंधन की सीटों के एलान का। मंच पर सभी घटक मौजूद थे और एक दूसरे की शान में कसीदे भी पढ़ रहे थे।कोई किसी को भाई बता रहा था तो कोई साथी…। तेजस्वी ने भी वीआईपी के मुखिया मुकेश सहनी को ‘बड़ा भाई’ बताया तो लगा सबकुछ ठीक है। चंद मिनट बाद ही माइक मुकेश सहनी के पास पहुंचा। पूरे समय धैर्यवान दिख रहे सहनी अचानक फूट पड़े और कहा मेरी पीठ में खंजर घोंप गया है…फिर क्या था जैसे राजनीतिक भूचाल सा आ गया।
प्रेस कांफ्रेंस के पहले बड़े तामझाम के साथ बदलाव का संकल्प लेते हुए वीआईपी नेता मुकेश सहनी राजद नेता तेजस्वी के साथ होटल तक आए उनके ठीक पीछे सबसे बड़े होटल के आलीशान मंच पर चढ़े।फिर सहनी और तेजप्रताप के अगल बगल में बैठे, हाथ में हाथ मिला फोटो सेशन कराया तो एक तरफ तेजप्रताप तो दूसरी तरफ राजद नेता शिवानंद तिवारी का हाथ मुकेश जोर पकड़ रहे।सांसद मनोज झा ने कार्यक्रम की शुरुआत की और कांग्रेस नेता अविनाश पांडेय को संबोधित करने को कहा तो उन्होंने बड़े अदब से मुकेश सहनी को संबोधित किया और महागठबंधन का मजबूत पार्टनर बताया।
अविनाश ने जब कहा कि वैचारिक मतभिन्नता और आंतरिक मतभेद के बावजूद हम सब दलों ने साथ आने का निर्णय किया तो मुकेश मुस्कराते नजर आ रहे थे।जब तेजस्वी ने बोलना शुरु किया तो मुकेश सहनी की तरफ देख उन्हें ‘बड़ा भाई’ संबोधित किया। उन्होंने सभी सहयोगी दलों ने लोगों से अपील की कि हमलोगों को एक मौका दीजिये।
फिर जैसे ही सीटों का एलान करते हुए तेजस्वी ने कहा कि राजद की 144 सीटों में से वीआईपी और झामुमो को एकॉमॉडेट करने की बात चला रही है। इस पर मुकेश सहनी की भौंहे तनने लगी, और इस पर मुकेश सहनी ने कहा…मैं सन ऑफ मल्लाह अति पिछड़े का बेटा, अभी जो हमारे साथ हो रहा है, कहीं न कहीं पीठ में खंजर घोंपने का काम है।कहते हुए उन्होंने महागठबंधन छोड़ने का एलान कर दिया।
जदयू ने मुकेश सहनी के मसले को बड़ा मुद्दा बनाते हुए राजद को घेरा। पार्टी के नेताओं ने कहा कि तेजस्वी यादव ने अति पिछड़ा समाज को खुलेआम बेइज्जत किया। प्रदेश जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि तेजस्वी यादव ने वस्तुत: अतिपिछड़ों का अपमान किया। लालू-राबड़ी के 15 साल के शासनकाल में अतिपिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया गया। और आज पूरी तरह स्पष्ट हो गया कि लालू परिवार अतिपिछड़ों से नफरत करता है।
मुकेश सहनी से पहले तेजस्वी, महादलित जीतनराम मांझी को नकार चुके हैं। वहीं, जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि ठगी से आजिज मुकेश सहनी का विद्रोह, मुख्यमंत्री पद का सपना देखने वाले तेजस्वी यादव के लिए बहुत बड़ा झटका है। महागठबंधन लगातार बिखराव की स्थिति में है और मुकेश सहनी के साथ आज जो हुआ, वह तो तेजस्वी की विद्रूप राजनीति की खुली गवाही है।
महागठबंधन के प्रेस कांफ्रेंस पर हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने तंज कसा है। कहा कि मल्लाह जाति को अपमानित करने के लिए तेजस्वी ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी। लालू दलितों को अपमानित करते थे और तेजस्वी पिछड़ों को अपमानित कर रहे हैं। गौरतलब है कि मांझी हाल तक महागठबंधन का हिस्सा थे और बाद में उन्होंने यह कहते हुए किनारा कर लिया था कि वहां उनकी बात नहीं सुनी जा रही।
